शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

गर्लफ्रेंड बॉयफ़्रेंड की चुदाई की कहानी

 कहानी की शुरुआत एक ठंडी और भीगी शाम से होती है।

शहर में पूरे दिन से बारिश हो रही थी। काले बादलों के बीच से आती हल्की ठंडी हवा खिड़की के पर्दों को हिला रही थी।

सविता  नीली साड़ी में खिड़की के पास खड़ी थी। उसके गीले बाल उसकी पीठ से चिपके हुए थे और पल्लू हवा में लहरा रहा था।

सविता अपना ब्लाउज सही कर रही थी तभी दरवाज़ा खुला और चिंटू अंदर आया। उसने मुस्कुराते हुए कहा – "तुम आज बेहद खूबसूरत लग रही हो, सविता।"ये सुनकर सविता हल्का-सा शरमा गई चिंटू ने उसके करीब आकर हाथ थामा और बोला लाओ में तुम्हारा ब्लाउज ठीक कर देता हूं

बारिश की बूंदें अब खिड़की के शीशे पर तेज़ी से टकरा रही थीं। कमरे में हल्की-सी खुशबू फैली थी, शायद सविता के गीले बालों से आती हुई। चिंटू ने उसका हाथ थामते हुए धीरे-से पल्लू हटाया और कहा  तुम्हें पता है, सविता… कुछ बातें मैंने आज तक तुमसे नहीं कही।सविता ने सवालिया नज़रों से उसकी तरफ़ देखा। कैसी बातें?” उसकी आवाज़ में हल्का-सा कंपन था।

उसके करीब आकर हाथ थामा और बोला में तुम्हे की अब अपने रिलेशन को इतना टाइम हो गया है और अब हम दोनों बच्चे भी नहीं रहे 

सविता तुम सीधा बोलो कहना क्या चाहते हो 

चिंटू यही की दोनों घर में अकेले है और दोनों एक दूसरे को पसंद भी करते है तो क्यों ना आज इस अकेलेपन को यादगार लम्हा बना दे

सविता तुम कह रहे हो वो म समझ रही हू पर अभी ये शाही टाइम नहीं है इन सब चीजों का

चिंटू यही म वही कहना चाहता हु जो तुम समझ रही हो

सविता नहीं चिंटू अभी ये इन सब चीजों का सही टाइम नहीं है 

चिंटू सविता के पास आया और सविता के बालों को सुधरने लगा और बोला आज तुम सच में लाजवाब लग रही हो जान

सविता नजरें झुका के म चाय लेके आती हु तुम कमरे में चलो 

चिंटू ठीक है म कमरे में तुम्हारा इंतजार कर रहा हु 

सविता चाय लेके कमरे में आई चिंटू ने सविता को पकड़ा और kiss करने लगा किस करते करते धीरे-धीरे चिंटू का हाथ उसकी कमर पर चला गया.उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिससे मेरी हिम्मत बढ़ गई   धीरे-धीरे अपने हाथ को रिया की जांघ की ओर बढ़ाया और उस पर हाथ फेरने लगा 

मने सविता का ब्लवाज खोला और ममे दबने लगा सविता को देख के लग रहा था जैसे कि वो चाहती है कि मेरे हाथ रुकने नहीं चाहिए 

तभी मने सविता साड़ी उतारना शुरू कर दी सविता के ममे एक दम टाइट हो रहे थे म समझ गया था कि वो गरम हो रही है मने कविता की साड़ी उतारी अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी मने पेंटी में हाथ दिया और सविता की गर्म चूत को सहलाने अब वह और भी गर्म होने लगी लेकिन उसने अपनी तरफ से कुछ नहीं किया.बल्कि उसने अपनी आंखें बंद कर लीं

सविता कुछ नहीं बोल रही थी ये देख कर मैंने अपने होंठ उसके होंठों के पास ले जाकर रख दिए.सविता पहले से ही गर्म थी तो उसे यह अच्छा लग रहा था.

उसने सामने से मेरे होठ को चूमना शुरू कर दिया अब मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया था तो मने सविता के। पूरे बदन को चूमना शुरू किया सविता गरम हो गई थी 

वह जोर-जोर से सिसकारियां लेने लगी अब उसने मेरी टी-शर्ट भी उतार दी.वह चुदाई के मूड में आ गई थी. 

मने रिया की चूत में उंगली दी और अंदर बाहर करने लगा सविता मुझसे चिपक गई और उसकी सांसे बहुत तेज हो गई

सविता ने  मेरे अंडरवियर में हाथ डालकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी.

मैं बड़ी बेताबी से उसके पेट पर किस करने लगा

फिर मने सविता को उल्टा लेटाया और उसकी पेंटी उतरी और उसके चूतड़ों पे लैंड रगड़ने लगा हम दोनों पूरे नंगे और मेरा लैंड उसके चूतड़ों पे टच होने से जो फिलिंग आ रही थी शब्दों में बया नहीं हो सकती 

फिर सविता  बोली अब ज्यादा सबर मत कराओ 

अब मैं सविता  की चूत चाटने लगा और रिया मेरे लंड को मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी.

तो मैंने सविता को बेड पर पटक दिया और उसकी दोनों टांगों के बीच जाकर उसके पैरों को अपने कंधों पर रख लिया. मैंने अपने लंड को सविता की चूत पर रगड़ना शुरू किया. उसकी चूत लंड लेने के लिए मचलने लगी थी.सविता बोलने लगी- अब मत तड़पाओ. अपने लंड को मेरी चूत में डाल दो. मैंने धीरे से लंड के सुपारे को रिया की चूत पर सैट किया और उसे चुंबन करने लगा.

जैसे ही रिया सहज हुई, मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाने के लिए दबा दिया. मेरी दाब तेज थी तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया

जिस से वह एक दम से चिल्लाई तो मने उसके होठ मेरे होठ से दबा लिए और लैंड धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा 

कुछ 20 मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मने लैंड बाहर निकल के सविता के मेमो पे अपना माल निकला और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ही सो गए 



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