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बरसात की हल्की बूँदें पूरे शहर को भिगो रही थीं। रात के इस सन्नाटे में बस खिड़की से गिरती बूँदों की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
भाभी सविता बालकनी में खड़ी बारिश का आनंद ले रही थीं। उनके गीले बाल कंधों पर चिपक गए थे, और हवा में उनका आँचल लहराने लगा। तभी उनको मैने देखा वो जस्ट हमारे सामने वाले मकान में किराए से रहती थी
मेरी उनसे बातचीत शुरू होने लगी थी मैं उनसे बाते करता था तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और टाइम का पता भी नहीं चलता था
मैंने उनको आवाज दी
भाभी इतनी रात को भीग जाओगी तो सर्दी लग जाएगी
सविता भाभी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, मुझे बारिश बहुत पसंद है, इसमें भीगने का अनुभव ही अलग है।
दोनों हँस पड़े। उस हँसी में एक अद्भुत जुड़ाव था, हमारी आँखें एक-दूसरे से टकराईं और वो पल कुछ खास बन गया, मानो समय थम गया हो।
सविता भाभी कुछ क्षणों तक मुझे देखने में खोई रहीं, फिर एक हल्की मुस्कान के साथ अंदर चली गईं।
एक दिन भाभी घर पर अकेली थी शाम को तो भाभी ने मुझे कहा तुम्हारे भैया की बाइक अंदर खड़ी कर दो तो मने बाइक अंदर खड़ी की और चबी भाभी को देदी हमारी उँगलियाँ एक-दूसरे से छू गईं। दोनों ने नज़रें झुका लीं, लेकिन उस छुअन की गर्माहट लंबे समय तक हमारे मन में बनी रही।
फिर एक दिन भैया किसी काम से बाहर गए हुए थे तो म भाभी के घर किसी काम से गया था मेरा उनके घर आना जाना होता था
भाभी किचेन में अकेली थी । मैं भाभी को अकेला देख किचेन में चला गया फिर मेंने और भाभी ने खूब बाते की बातों ही बातों में भाभी ने मुझसे पूछ लिया किया तुम्हे कोई लड़की पसंद है क्या मैंने मौके का फायदा उठा के कहा भाभी आपके जैसे फिगर वाली कोई मिले तब ना भाभी शर्मा गई और नीचे नजर झुका ली
सच में दोस्तों भाभी का फिगर कमाल का था
उनकी हाइट लगभग 5 फुट 6 इंच थी, भरा हुआ शरीर, गोरा रंग और लंबे बाल. भाभी का फिगर देख मेरा लैंड खड़ा हो जाता था । भाभी काफी हंसमुख स्वभाव की थी
भाभी ने बताया कि उनके पति करना में ही चल बसे थे।
इसी वजह से उन्हें कभी बाजार से सामान लाने आदि में दिक्कत होती है मैने कहा भाभी तो आप मुझे बोल दिया करो में कर दूंगा मने कहा भाभी आप मेरे नंबर लेलो आपको जो भी काम हो आप मुझे बता दिया करो ।
रात में मने भाभी को हाय भेज दिया और उनका मेसेज भी तुरंत ही आगया।
फिर उसके बाद हमारे बाते मोबाइल पे शुरू होने लगी ।
मने कहा उस दिन मने आपसे किचेन में इस तरह बात की उसके लिए सॉरी उन्होंने कहा कोई बात नहीं ।
फिर मैंने कहा- आपका मन नहीं लगता होगा भैया के जाने के बाद?
उन्होंने उदास होकर जवाब दिया- मन का क्या है, उसे तो लगाना पड़ता है.
मैंने पूछा- दिन तो काम में निकल जाता होगा, लेकिन रात कैसे काटती हो?
उन्होंने कहा- फैमली में किसी से बात कर लेती हु या मूवीज देखकर!
यह सुनकर मैंने हिम्मत जुटाई और उनसे पूछा- क्या हम दोस्त बन सकते हैं?
उनके जवाब ने मुझे चौंका दिया- उनका जवाब आया हम तो दोस्त ही है
मैंने मजाक में कहा- क्या मैं अपनी इस दोस्त को एक फ्रेंडली किस दे सकता हूँ उनका आगे से कोई रिप्लाई नहीं आया तो मुझे लगा उनको इस बात का बुरा लग गया और न सो गया
अगले दिन सुबह उठा तो भाभी के 3 फोन आए हुए थे ।
मने भाभी को वापस कॉल किया तो उन्होंने मुझे चाय के लिए बुला लिया तो में चाय पीने उनके घर गया ।
भाभी चाय लेकर आई और मेरे सामने सोफे पे बैठ गई । मैने कहा भाभी रात को जो मने बोला उसके लिए सॉरी मुझे ऐसा नहीं बोलना चाहिए था । भाभी फिरसे कुछ नहीं बोली और चाय के कप उठा कर बोली किस करनी है तो कर लेना पूछ क्या रहे हो । इतना बोलके भाभी किचिन की तरफ चली गई पीछे से भाभी का फिगर देख मेरा लैंड खड़ा हो गया । और में भाभी के पीछे किचेन में चला गया और पीछे से जाके उनको कस के पकड़ लिया मने भाभी को घुमाया और मेरे होठ उनके होठ से टकरा गए । इसके बाद हमने फिर से किस किया और मेरा एक हाथ भाभी के बूब्स पर चला गया और मैं ब्रा के ऊपर से दूध दबाने लगा.
मैने भाभी का हाथ पकड़ा और और अपना लैंड भाभी के हाथ में रख दिया भाभी लैंड को अपने मुलायम हाथों से हिलाने लगी । मुझे इस बात से समझ आ गया था कि भाभी राजी हैं।
मने भाभी की पेंटी में हाथ डाला और भाभी की चूत में उंगली करने लगा भाभी गरम हो गई थी ।
मैंने भाभी को घुटनों पर बैठने का इशारा किया और चेन खोलकर लंड बाहर निकाला भाभी ने लैंड पकड़ा और झट से मुंह में डाल लिया । भाभी को मुमें लेने का पूरा अनुभव था ।
करीब 10 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैंने भाभी को खड़ा किया और उनको उल्टा घुमा के चूतड़ों के बीच लैंड आगे पीछे करने लगा।
फिर मैंने उन्हें अपनी गोदी में उठा कर उनको बेडरूम में ले गया.
हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए भाभी ब्रा पैंटी में क्या लग रही थी उनके बूब्स देख के म खुद को रोक नहीं पाया और ब्रा ऊपर करके बूब्स चूसने लगा ।
भाभी भी मेरे 6 इंच के लैंड को छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी भाभी हिला रही थी ।
भाभी आह आह करके सिसकारती निकल रही थी - आह चूस लो मेरी जान आह आज बहुत दिनों से प्यासी हु चोद दो । मैंने जल्दी से उनकी चुत का रुख किया और टांगों को फैला कर चुत पर जीभ लगा दी भाभी की चुत गर्म हो गई और वे मेरे सर को अपनी टांगों में दबा कर मुझे चुत से रगड़ने लगीं कुछ देर बाद मैंने चुत से सर हटके कहा अब आपकी प्यास बुझा दी जाए।
भाभी ने मुस्कुरा के कहा अब तो बुझती ही रहेगी।
अब धकापेल चुदाई शुरू हो गई 10 मिनट के बाद मेरा माल निकलने हो गया और मैंने भाभी की चूत में अपना सारा माल गिरा दिया. अपना माल भूमिका चूत में भरने के बाद मैं भी उसके ऊपर ही लेता रहा ।
अब हम हफ्ते में दो दिन बार सेक्स करते है
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